अंतिम सफर... बरसो से खड़ा हूँ नीले गगन के तले की तुम आओगी आसमान से उतरकर हवाओं की सरसराहट में तुम आवाज दोगी थोमोगी हाथ मेरा और अपने साथ ले चलोगी अपने देश में …
Read more »अतीत और आंखों में पानी... आज मन क्यों बहकता है भटकता है अपने अतीत को याद करके जो कभी लौटकर नहीं आएगा सबकुछ बदला- बदला सा घर आंगन बदले चौपाल बदली संसाधन बद…
Read more »उम्मीदों का आसमां... खूबसूरत सुबह संघर्षों की डगर बरसते बादल ठंडी-ठंडी हवाएं बिखेरती मुस्कान ये खूबसूरत सुबह जीवन संघर्ष के टेढ़े-मेढ़े रास्ते बस यही अरमान…
Read more »वह बचपन की दुनिया... छोटी थी लेकिन बहुत सघन। दुनिया क्या थी- परिवार, गांव, स्कूल, कुछ आसपास के गाव, खेत-खलिहान, ऋतुएं, मौसम, बाग-बगीचे, बम । लेकिन इन्ह…
Read more »इंसान की कुटिलता और जानवर की शालीनता में बस एक ही अंतर है इंसान के दो चेहरे होते है जानवर चेहरे नहीं बदलता जो भी है जैसा भी है वह एक ही चेहरा रखता यही जानवर…
Read more »सच्चे अश्रु जो बहते परपीड़ा में... नयन कोर से बहे जो अश्रु अपनी पीड़ा में वह तो खारा पानी है सच्चे अश्रु स्वर्ण मोती से जो बहते है पर पीड़ा में। देख दुखी त्रासि…
Read more »बिखरते रिश्तों को समेटने की जद्दोजहद में... मुस्कुराते चेहरे पर दिल खाली खाली सा अधूरापन, अकेलापन जीवन का अहसास लिए अपनत्व, प्रतीक्षा और संबंध की एक अदृश्य ड…
Read more »कहने को कुछ मन नहीं... ख़ामोश चेहरे मुख पर पहरे बाहर सन्नाटा, भीतर सूनापन खामोशी के दौर में मन में कैसा शोर है शायद किसी ने छला है बाहर सबकुछ ठीक-ठाक भीतर शा…
Read more »दर्द सबको सुनाने से क्या फायदा... हद में अपनी रहो अपना तो है बस यही कायदा दर्द सबको सुनाने से क्या फायदा। जिंदगी के सफर में घने मोड़ है है कहीं समतल तो कहीं फिसलती रोड़ …
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