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नेता को आराम कहाँ?
वह बचपन की दुनिया
इंसानी कुटिलता
सच्चे अश्रु जो बहते पर पीड़ा में
बिखरते रिश्तों कोसमेटने की जद्दोजहद में...
कहने को कुछ मन नहीं...
दर्द सबको सुनाने से क्या फायदा?