इंसान की कुटिलता
और जानवर की शालीनता
में बस एक ही अंतर है
इंसान के दो चेहरे होते है
जानवर चेहरे नहीं बदलता
जो भी है जैसा भी है
वह एक ही चेहरा रखता
यही जानवर की शालीनता है
इंसान अपनी कुटिलता से
चेहरे बदलता है
इसलिए जानवर को
पहचानना सरल है
इंसान को पहचानना कठिन है
कोई नहीं आज तक
इंसान को पहचान पाया
की उसका असली चेहरा क्या है?
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