रचनाकारों की दुनिया लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैंसभी दिखाएं
एक उस भगवन (कविता)अमात्रिक काव्य*
  जब देखेया मोहे दीखे है वो ही….
ए मानव अब तो जाग जरा, पर्यावरण दिवस पर विशेष
लेना होगा पूरा हिसाब
अंजाम क्यों हो 'श्रद्धा' सा तुम्हारा