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नव वर्ष (दो गीत)
छंद कलश (पाँच छंद)
माँ बेटी
मैं झरने का पानी
मैला चुगते हंसा
इच्छाएँ जिनका आदि न अंत
जीवन एक पहेली
तुमको होना महल अटारी