दीप जगमगा गए


गीत यहां सुने
ज्योति पर्व
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ज्योति पर्व आ गया
आज द्वार-द्वार पर।
दीप जगमगा गया
आज द्वार-द्वार पर
आंनद सब छा गया
आज द्वार-द्वार पर।।
(1)
जगमगा रहे है आज
दीप प्रेम प्रीत से।
मिल रहे नयन भी आज
मन से मन के मीत से।
आज इस खुशी ने
सब घाव दिए भर।
आज गम के बादलों से
मैं पार पा गया।।
2
बैर भाव छोड़ आज
मिल रहे गले सभी।
राग द्वेष से परे
झूमने लगे सभी।
सज रहे हैं फूल हार
हर गली हर द्वार पर।।
आज अंधकार भी
प्रकाश में बदल गया।।

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