तेरी याद सताती


 







छंद आधरित गीतिका* तेरी याद सताती
आधार छंद  -- विष्णुपद छंद
       विधान--
16+10 मात्रा प्रति चरण, चरणान्त गुरु।

हर पल मुझको तो तेरी अब, याद सताती है।
रात-रात भर जागा करता, नींद न आती है।।


बिन तेरे अब मन का कोना, रहता सुना-सुना।
सावन की ये झड़ियाँ आ कर, मुझे रुलाती है।।


राह निहारूँ तुझे पुकारूँ, तेरा नाम रटूँ।
आ भी जा अब देर लगा मत, क्यों तरसाती है।।


कर के बादे भूल गई तू, पर मैं नहीं भुला।
झूठे वादे झूठी कसमें, क्यों कर जाती है।।


आज नही तो कल आएगी, मुझे भरोसा है।
दिल की धड़कन धड़क-धड़क कर,मुझे बताती है।।


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1 टिप्पणियाँ

Sudha Devrani ने कहा…
वाह!!!
शानदार छन्दबद्ध गीतिका
बहुत ही लाजवाब।