सफर के दो साथी...
पति पत्नी दोनों
ऑफिस जाते
दोनों करते एक जैसा काम
सफर के दो साथी
दोनों एक समान
एक से है दूजे की पहचान
मगर ये भेद कैसा?
कोमल होता नारी का तन
एक करे महसूस थकान
दूजे की अथकता ही पहचान।
दोनों ऑफिस से घर आते
पत्नी चाय बनाती
पति को पिलाती
पति सौफे पर सोये
टीवी देखे पेपर पढ़े
आराम करें क्योंकि वे थके है
और पत्नी खाना बनाती
सबको खिलाती खुद खाती
बर्तन धोती बिस्तर तक आती
पति आराम करता
पत्नी उसके पैर दबती
तब तक आधी रात बीत जाती
बिस्तर की रजाई उससे पूछती
क्या तुमको थकान नहीं होती?
तब तक वह
गहरी नींद में सो जाती।
परिवार की हँसी में
अपना सारा दर्द छुपाती
अपनों की खुशियों में ही
वह सारी खुशियाँ पा जाती
कब रात बीती
कब सुबह हुई
इससे उसको क्या मतलब।
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