एक थी श्रद्धा

 हाइकु छंद 

*हाइकू रचना*

      (हाइकु छंद में सृजित श्रद्धा की 

व्यथा-गाथा ……)

       *एक थी श्रद्धा*

एक थी श्रद्धा ।

माता-पिता दुलारी ।

गई भटक । 1 ।

रिश्ता भी धोखा ।

दिल टूटा श्रद्धा का ।

केवल पीड़ा । 2 ।

ना वो आजादी।

मां-बाप बिन शादी ।

गत श्रद्धा की। 3 ।

ना प्रेम पला ।

ना रहा लिव-इन ।

जग-हसाई । 4 ।

न रहा प्यार ।

केवल व्यभिचार ।

श्रद्धा व ताब । 5 ।

दुर्गत श्रद्धा ।

अनसुनी ,ना होनी ।

दुष्परिणाम । 6 ।

खून के धब्बे ।

पॉलिथीन थैलियाँ ।

पैंतीस टूक । 7 ।

डीप-फ्रीज़र ।

हाथ-पांव व सिर ।

मांगते न्याय । 8 ।

दोस्त हैरान ।

दुनियां परेशान ।

ये कैसा प्यार ?। 9 ।

माँ-पिता चिंता ।

मीडिया हाहाकार ।

दिल डरा सा । 10 ।

होनी करनी ।

अनहोनी हो गई ।

घोर अन्याय । 11 ।

कानून-न्याय ।

जज,वकील,कोर्ट ।

जघन्य मौत । 12 ।

हो फ़ास्ट कोर्ट ।

या चाहो सी.बी.आई. ।

नासोची सजा । 13 ।

श्रद्धा सी गत ।

अनादर प्रेम का ।

हो ना भविष्य । 14 ।

विधि-विधान ।

कानून-मजबूत ।

नारी-सुरक्षा । 15 ।

आंखों सपने ।

ना भविष्य डराए ।

आशा 'अजस्र ' । 16 ।

✍️✍️ *डी कुमार--अजस्र(दुर्गेशमेघवाल, बून्दी/राज.)*

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ