तुम्हारी भैस मेरा खेत चर गई

            खेतों की सुरक्षा के लिए बाड़ और जल की सुरक्षा के लिए पाल की जाती है। बाड़ की उपयोगिता तभी है, जब खेती लहलहा रही हो और पाल की उपयोगिता तभी है जब बाँध में जल हिलोरें भर रहा हो। जिस खेत में खेती नहीं, वहाँ बाड़ के होने और न होने में क्या कोई अन्तर होगा ? जिस बाँध में पानी नहीं, वहां पाल के होने और न होने में क्या कोई अन्तर होगा? बाड़ और पाल का अपने आप में कोई उपयोग नहीं है। उनका उपयोग खेती और जल के होने पर ही है।

            जब अतीत से आवृत एक किसान ने अपनी पत्नी से कहा – 'में भैंस ला रहा हूँ ।' 
वह बोली- 'भले लाओ, पर दूध की मलाई अपनी माँ को खिलाऊगी। 
किसान बोला- 'यह कैसे हो सकता है ? भैस में लाऊ और मलाई खाए तुम्हारी माँ" इस बात पर विवाद बढ़ गया। दोनों लड़ पड़े। अब क्या था दोनों इस बात पर सुबह उठते ही झगड़ते, शाम को खेत से आते फिर झड़ते। इस प्रकार उनको झगड़ते-झगड़ते दो-तीन दिन बीत गए। सुबह-शाम के इस झगड़े से सब पड़ोसी तंग आ गए। फिर क्या हुआ चौथे दिन जैसे ही सुबह उठते उनका झगड़ा शुरू हुआ एक आदमी एक बड़ा सा लट्ठ लेकर उनके आंगन में पहुंच गया। पड़ोसी को अपने आंगन में लट्ठ लिए आता देख दोनों चुप हो गए। पड़ोसी उनके पास जाकर उनको देख घुर्राने लगा। उसने आसपास देखा। आंगन में दो मटके पानी से भरे हुए रखे थे। उसने आव देखा न ताव और अपनी लट्ठ घुमा कर, तड़ातड़ उनको फोड़ दिए।
        फिर क्या था वह किसान उस पर भड़क गया। उसने पूछा तुमने मटके क्यो फोड़े। वह बोला तुम्हारी भैस मेरा खेत चर गई इसलिए। किसान ने कहा कि मेरी भैस है ही नहीं तो फिर वह तुम्हारा खेत कैसे चर गई। पड़ोसी बोला जब तुम्हारी भैस है ही नहीं तो फिर यह मलाई की लडाई कैसी ?"
किसान और उसकी पत्नी दोनों शर्मिंदा हुए और अपनी गलती पर पश्चाताप व्यक्त किया।

       यह भविष्य से प्रभावित वर्तमान है। वास्तव में इस प्रकार कि सोच से अधिकांश मानव भविष्य की चिंता से वर्तमान में दुखी है। और खासकर के उसके लिए जो अभी वर्तमान में है ही नहीं।

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9 टिप्पणियाँ

Pammi singh'tripti' ने कहा…

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 20 जुलाई 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
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पुन: भेंट होगी...
Pammi singh'tripti' ने कहा…

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 20 जुलाई 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
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पुन: भेंट होगी...
बेनामी ने कहा…
Good
जी सादर नमन हार्दिक आभार मेरी रचना को आपके ब्लॉग पाँच लिंको का आनंद में स्थान देने हेतु।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
सार्थक सीख देती अच्छी लघुकथा ।
मन की वीणा ने कहा…
सुंदर प्रेरक कथा।
मन की वीणा ने कहा…
सुंदर प्रेरक कथा।
पानी बिखरा तो मज़ा आया

बढ़िया लेखन