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एक उस भगवन (कविता)अमात्रिक काव्य*
  जब देखेया मोहे दीखे है वो ही….
ए मानव अब तो जाग जरा, पर्यावरण दिवस पर विशेष
लेना होगा पूरा हिसाब
अंजाम क्यों हो 'श्रद्धा' सा तुम्हारा
आया बसंत
रामलला अभिराम
कागजी तितली
हैप्पी न्यू ईयर
जगजीवन चालीसा
पाती सैनिक सपूत की
राम राज्य फिर आएगा
एक थी श्रद्धा
सबसे ऊपर संविधान
दीवाली ,गोवर्धन पर्व और अन्नकूट उत्सव
विश्वकप जीत के दिखला दो
जौहर-ज्वाला पद्मिनी
विकलांग नहीं दिव्यांग है हम
   हे ! माँ मुझको गर्भ में ले ले (डी कुमार--अजस्र(दुर्गेश मेघवाल,)
मानव-धर्म आबाद रहे,डी कुमार--अजस्र(दुर्गेश मेघवाल,बून्दी /राज.)